
रेलवे में ई-टिकटिंग के जरिये करोड़ो की संपत्ति बनाने वाले सरगना गैंगेस्टर शमशेर के खिलाफ प्रशासन ने कार्रवाई शुरू कर दी है, रेलवे में ब्लैक ई-टिकटिंग के जरिये अर्जित की गई 1.26 करोड़ की संपत्ति को डीएम ने उत्तर प्रदेश गिरोह बंद अधिनियम के तहत जब्त कर लिया, इस गैंग का मुख्य आरोपी पिछले 7 सालों से रेलवे के टिकटों की कालाबाज़ारी में लिप्त रहा, देश के कई प्रदेशों में इसने अपनी गैंग बना कर रेलवे के तत्काल टिकट को रेलवे की साइट हैक कर ब्लैक में बेचता था, इस के खिलाफ यूपी,महाराष्ट्र,राजस्थान और कर्नाटक में मुकदमे दर्ज हैं, इस के खिलाफ पुरानी बस्ती थाना में साल 2019 में धारा 419,420,467,468,471 आईटी एक्ट समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था, मूलतः ये गोंडा जिले का रहने वाला है, अपनी काली कमाई से गोंडा में इसने करोड़ो की संपत्ति अर्जित की, डीएम के आदेश के बाद गोंडा जिले में इसकी 1.26 करोड़ की संपत्ति को प्रशासन ने जब्त किया है, यह गिरोह फर्जी सॉफ्टवेयर के जरिये आईआरसीटीसी की साइट को हैक कर लेते थे और तत्काल टिकट को पूरे देश मे बुक कर ब्लैक में बेचते थे,गैंग का मास्टरमाइंड शमशेर सॉफ्टवेयर को कई राज्यों में अपने एजेंटों को किराए पर देता था जो भी टिकट बुक कर ब्लैक की जाती थी उसका कमीशन मिलता था, सॉफ्टवेयर का पूरा कंट्रोल इनके हाथ मे रहता था