शिक्षा मन्त्रालय, भारत सरकार और ‘All India Council for Technical Education’ के ‘भारतीय ज्ञान परम्परा’ परियोजना के अन्तर्गत डॉ. मुनीश मिश्र के द्वारा भेजे गए न्यायान्जनम् प्रोजेक्ट के चयनित होने पर वैदिक दर्शन विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष प्रो. श्रीकृष्ण त्रिपाठी द्वारा अंगवस्त्र और स्मृति चिह्न द्वारा सम्मनित किया गया।
विदित हो कि डॉ. मुनीश मिश्र वैदिक दर्शन विभाग के ही छात्र रहे हैं और यहीं से उन्होंने न्यायवैशेषिक दर्शन में शास्त्री, आचार्य व पीएचडी की उपाधि प्राप्त की है। विभागाध्यक्ष ने शिक्षा मंत्रालय के द्वारा प्रोजेक्ट के चयनित होने पर कहा कि हमारे विभाग के पूर्व छात्र का चयन होना निश्चित ही विभाग की एक बड़ी उपलब्धि है तथा इससे अन्य छात्रों को प्रेरणा भी मिलेगी। उक्त अवसर पर विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष व सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. राजाराम शुक्ल जी ने हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि शिष्यों की सफलता से ही गुरु व संस्था का सम्मान होता है। हमारे विभाग के छात्र का चयन होना हम सभी अध्यापकों के लिए गर्व की बात है। पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. धनन्जय पांडेय, डॉ. शशिकांत द्विवेदी व डॉ. सरोज कुमार पाढ़ी ने भी बधाई के साथ सफलता पूर्वक प्रोजेक्ट पूरा करने लिए शुभकामनाएं दी।

डॉ. मुनीश मिश्र ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अपने गुरुजनों के द्वारा सम्मानित होना बहुत बड़े गर्व की बात है। एक शिष्य को जो कुछ भी छोटी-बड़ी उपलब्धि मिलती है वह गुरुजनों के आशीर्वाद से ही प्राप्त होती है, अतः हमारे लिए यह सम्मान से कहीं अधिक आशीर्वाद है जो निरन्तर हमें कार्य करने की शक्ति व प्रेरणा देता रहेगा।
उक्त अवसर पर ही वैदिक दर्शन विभाग की ही शोध छात्रा कुमारी श्रुति को भी सम्मानित किया गया, जिनको साउथ एशियन स्टडी, जर्मनी में भारतीय दर्शन के एक अंशकालिक प्रोजेक्ट के लिए आमंत्रित किया गया है।